भारत मे मछली पालन केसे करें | Fish Farming For Farmer in India
मछली पालन (Fish Farming) एक महत्वपूर्ण और लाभकारी व्यवसाय है, जिसे खेती या कृषि के साथ जोड़ा जा सकता है। यह कृषि क्षेत्र का एक अहम हिस्सा बन चुका है, और इससे जुड़े व्यवसायिक अवसरों में निरंतर वृद्धि हो रही है। मछली पालन का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली मछलियों का उत्पादन करना होता है, जिन्हें खाने, निर्यात करने या व्यापार में बेचा जाता है। यह व्यवसाय ग्रामीण इलाकों के लिए एक अच्छा रोजगार का स्रोत हो सकता है।
भारत सरकार लगातार किसानों की आय को बढ़ाने का प्रयास कर रही है, इसके लिए सरकार कृषि के साथ-साथ कुछ छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने में लगी है, ताकि किसान भाई खेती के साथ-साथ अन्य स्रोतों से अपनी आजीविका आसानी से चला सके और कमाई भी कर सके, इन्हीं छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जाती है,जिससे किसान भाई को इनको लगाने में सहायता प्राप्त होती है, इन्हीं छोटे उद्योगों में शामिल मछली पालन का व्यवसाय जो वर्तमान में किसान भाइयों के बीच काफी फेमस होता जा रहा है, इसके बारे में आज हम आपके संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं |
मछली पालन व्यवसाय की सम्पूर्ण जानकारी
वर्तमान में मछली की मांग बाजार में काफी ज्यादा है, जिसको देखते हुए इनको बेचने में भी अधिक दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है, इसके अलावा मछली पालन की शुरुआत करने से अधिक पूंजी की भी जरूरत नहीं होती यह उद्योग कम खर्चे में अधिक उत्पादन देने वाला है, इसकी शुरुआत छोटे और बड़े दोनों पैमाने पर की जा सकती है, इसके लिए सरकार की तरफ से सहायता प्रदान की जाती है |
मछली पालन के लिए क्या क्या आबशयक है |
स्थान का चयन (Site Selection)
- मछली पालन के लिए सही स्थान का चयन अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह स्थान पानी से सुसज्जित होना चाहिए, जैसे कि तालाब, झील, नहर या जलाशय।
- स्थान का चयन करते समय यह सुनिश्चित करें कि पानी की उपलब्धता सालभर बनी रहे, और पानी का स्तर नियंत्रित रहे।
पानी की गुणवत्ता (Water Quality)
- मछलियों के लिए पानी की गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण है। पानी की PH, ऑक्सीजन स्तर, तापमान, और अमोनिया की मात्रा का ध्यान रखना चाहिए।
- मछलियों के लिए पानी का तापमान 20°C से 30°C के बीच होना चाहिए। पानी का पीएच 6.5 से 8.5 के बीच होना चाहिए।
मछली पालन के लिए तालाब या टैंक (Pond or Tank Setup)
तालाब (Pond) :- बड़े आकार के तालाब में मछली पालन करना संभव होता है। तालाब की सफाई और पानी की गुणवत्ता पर ध्यान दें।
टैंक (Tank) :- शहरी या छोटे स्थानों में मछली पालन के लिए टैंक या क्यूबिकल का उपयोग किया जा सकता है। इसे नियंत्रित वातावरण में किया जा सकता है।
इसे भी पढे :- मध्य प्रदेश (MP) मे घूमने के लिए जगह |
इसे भी पढे :- पन्ना नेशनल पार्क मध्य प्रदेश |
इसे भी पढे :- पटना का संजय गांधी जैविक उद्यान Patna zoo |
इसे भी पढे :- मसूरी में घूमने की जगह |
इसे भी पढे :- उड़ीसा मे घूमने की जगह |
मछली प्रजाति का चयन (Fish Species Selection)
मछली पालन में विभिन्न प्रजातियों का पालन किया जा सकता है। इसके लिए आपको यह विचार करना होगा कि आपके क्षेत्र में कौन सी मछलियां अच्छे से मिल सकती हैं। मछली की सामान्य प्रजातियां निम्न है |
- कॉट (Catfish): यह प्रजाति कम देखभाल में भी अच्छा विकास करती है।
- कार्प (Carp): यह प्रजाति बहुत लोकप्रिय है और गर्मी के मौसम में अच्छा पालन करती है।
- ट्राउट (Trout): यह ठंडे पानी की मछली है।
- तिलापिया (Tilapia): यह प्रजाति गर्म पानी में अच्छे से पनपती है और कम खर्चीली होती है।
खाद्य सामग्री (Feed and Nutrition)
- मछलियों को पोषण देने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य सामग्री का उपयोग करें। यह विशेष रूप से मछली की वृद्धि और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
- मछलियों के लिए तैयार मिश्रित आहार (Pellets) उपलब्ध होते हैं, और साथ ही प्राकृतिक आहार जैसे कि कीड़े, कीट और मच्छर लार्वा भी मछलियों को खिलाया जा सकता है।
पानी का प्रबंधन (Water Management)
- पानी के स्तर की नियमित निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि उसमें किसी प्रकार की गंदगी या प्रदूषण न हो।
- जल की नियमित बदलाई आवश्यक है ताकि मछलियों के स्वास्थ्य को प्रभावित न हो।
स्वास्थ्य और देखभाल (Health and Care)
- मछलियों को विभिन्न रोगों और संक्रमणों से बचाने के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करें।
- मछलियों के शरीर पर किसी भी प्रकार के घाव, सूजन या अन्य लक्षण को देख कर उनका इलाज करें।
मछली की कटाई (Harvesting)
- जब मछलियां पूरी तरह से विकसित हो जाती हैं और उनका वजन बाजार में बेचने के लिए उपयुक्त हो जाता है, तब उनका संग्रहण किया जाता है।
- मछलियों को सावधानीपूर्वक पकड़ें और उन्हें अच्छे से साफ करके बाजार में बेचा जाए।
मछली पालन के लिए इन बातों का ध्यान रखना आबशयक है |
- तालाब बनाने के लिए, अच्छी मिट्टी वाले जगह का चुनाव करें
- मछली पालन के लिए तालाब में साल भर पानी रहना चाहिए
- तालाब बनाने के लिए, मिट्टी के प्रकार, उर्वरकता, जल धारण क्षमता पर ध्यान दें
- तालाब की तैयारी के लिए, तालाब से सभी जलीय पौधे,खाऊ और छोटी-छोटी मछलियों को निकाल दें
- तालाब में मछली पालन के लिए, मछली के आहार का ध्यान रखें
- चावल की भूसी और सरसों की खली का इस्तेमाल किया जा सकता है
- तालाब में मछलियों को पर्याप्त भोजन मिले, इसके लिए हर महीने गोबर की खाद और 75 किलो एनपी खाद डालें
- तालाब में पानी का स्तर समय-समय पर बदलते रहें
- अगर मछलियां मर रही हैं, तो तालाब का पानी लेकर कार्यालय जाएं और इसकी जांच करवाएं
- मछली पालन के लिए, सरकार अनुदान देती है. अनुसूचित जाति को 25 प्रतिशत और सामान्य जाति को 20 प्रतिशत का अनुदान मिलता है
- मछली पालन के लिए, मत्स्य विभाग के कार्यालय से लोन की सुविधा भी ली जा सकती है
मछली पालन के लाभ
- यह एक स्थिर और निरंतर आय का स्रोत हो सकता है।
- मछली पालन से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिलता है।
- मछलियां उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन प्रदान करती हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है |
- मछलियां विटामिन डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड का समृद्ध स्रोत हैं, जो हृदय और मस्तिष्क के लिए लाभकारी हैं।
- मछली पालन से कम लागत में उच्च लाभ कमाया जा सकता है, मछलियों का विकास चक्र तेज होता है, जिससे कम समय में फसल तैयार हो जाती है।मछलियों की मांग हर मौसम में बनी रहती है, जिससे बाजार में बिक्री आसान होती है।
- बायोफ्लॉक जैसी तकनीकों का उपयोग करके अपशिष्ट को पुनः उपयोग में लाया जा सकता है।
- सरकार द्वारा मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी, ऋण और प्रशिक्षण जैसी योजनाएं उपलब्ध हैं।
इसे भी पढे :- मसूरी में घूमने की जगह |
इसे भी पढे :- मध्य प्रदेश (MP) मे घूमने के लिए जगह |
इसे भी पढे :- पन्ना नेशनल पार्क मध्य प्रदेश |
इसे भी पढे :- पटना का संजय गांधी जैविक उद्यान Patna zoo |
इसे भी पढे :- मसूरी में घूमने की जगह |
इसे भी पढे :- उड़ीसा मे घूमने की जगह |