Gwalior Fort In MP | ग्वालियर का किला
ग्वालियर का किला भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक ऐतिहासिक और भव्य किला है। इसे “ग्वालियर का गहना” भी कहा जाता है क्योंकि यह किला वास्तुकला, इतिहास और संस्कृति का अनमोल खजाना है। यह किला भारत के सबसे मजबूत और खूबसूरत किलों में से एक माना जाता है। ग्वालियर शहर के ऊँचे पहाड़ पर स्थित यह किला कई शासकों के शासनकाल का गवाह रहा है और आज भी अपनी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है।
ग्वालियर का किला, मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में स्थित, भारत के सबसे महत्वपूर्ण और समृद्ध किलों में से एक है। यह किला 8वीं शताब्दी में बनाया गया था और लगभग 35 फीट ऊँची पहाड़ी पर तीन वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। किले के भीतर कई ऐतिहासिक स्मारक, मंदिर, और महल स्थित हैं, जो इसकी अद्भुत वास्तुकला और समृद्ध इतिहास को दर्शाते हैं।
ग्वालियर किले का ऐतिहासिक महत्व
ग्वालियर किले का निर्माण 8वीं शताब्दी में राजा सूरज सेन द्वारा कराया गया था। यह किला अनेक राजवंशों के अधीन रहा, जिनमें प्रतिहार, तोमर, मुगल, मराठा, और ब्रिटिश शामिल हैं। राजा मान सिंह तोमर के शासनकाल में यह किला अपनी भव्यता और वैभव के चरम पर था।
ग्वालियर किले का इतिहास
ग्वालियर किला लगभग 1000 साल पुराना माना जाता है। इसका निर्माण किसने करवाया, इस बारे में अलग-अलग मत हैं, लेकिन कहा जाता है कि इसकी नींव 8वीं शताब्दी में डाला गया था। यह किला कई राजवंशों के शासन में रहा, जिनमें कछवाहा, तोमर, मुगल, मराठा और अंग्रेज शामिल हैं।
ग्वालियर किले में घूमने योग्य प्रमुख स्थान
गुजरी महल (Gujari Mahal)
गुजरी महल को राजा मान सिंह तोमर ने अपनी पत्नी मृगनयनी के लिए बनवाया था। यह महल अब एक संग्रहालय (म्यूजियम) के रूप में तब्दील किया गया है, जहाँ गुप्त, प्रतिहार, और कुषाण काल की प्राचीन मूर्तियाँ और कलाकृतियाँ देखी जा सकती हैं। यहाँ दुर्लभ हिंदू और जैन धर्म की मूर्तियों का विशाल संग्रह मौजूद है।
मान मंदिर पैलेस (Man Mandir Palace)
मान सिंह तोमर द्वारा निर्मित यह महल ग्वालियर किले की सबसे आकर्षक संरचनाओं में से एक है। इसकी दीवारों पर रंगीन टाइलों से की गई सजावट आज भी इसकी सुंदरता का प्रमाण देती है।
यह महल कभी शाही परिवार का निवास स्थान था, लेकिन बाद में इसे एक जेल के रूप में भी इस्तेमाल किया गया। यहाँ के तहखाने में कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ घटी हैं।
सहस्रबाहु मंदिर (Sas Bahu Temple)
यह मंदिर 11वीं शताब्दी में बनाया गया था और इसे सहस्त्रबाहु मंदिर भी कहा जाता है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है और इसकी अद्भुत नक्काशी पर्यटकों को आकर्षित करती है। मंदिर की वास्तुकला भारतीय कला का अद्भुत उदाहरण है।
तेली का मंदिर (Teli Ka Mandir)
यह ग्वालियर किले का सबसे ऊँचा मंदिर है और 9वीं शताब्दी में बनाया गया था। इस मंदिर की वास्तुकला हिंदू और द्रविड़ शैली का मिश्रण है। यह भगवान विष्णु और शिव को समर्पित है और इसकी ऊँचाई लगभग 100 फीट है।
जौहर कुंड (Johar Kund)
यह कुंड ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि जब किले पर दुश्मनों ने आक्रमण किया, तो यहाँ की राजपूत रानियों और महिलाओं ने जौहर (आत्म-बलिदान) किया था। यह स्थल ग्वालियर किले के गौरवशाली इतिहास की गवाही देता है।
गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ (Gurudwara Data Bandi Chhod Sahib)
यह प्रसिद्ध गुरुद्वारा सिखों के छठे गुरु, गुरु हरगोबिंद सिंह जी की याद में बनवाया गया था। कहा जाता है कि यहाँ गुरु हरगोबिंद सिंह जी को और अन्य 52 राजाओं को मुगल सम्राट जहाँगीर ने कैद किया था, लेकिन बाद में उन्हें मुक्त कर दिया गया। यह स्थान सिख धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल है।
कर्ण महल (Karn Mahal)
यह महल कर्नाट वंश के राजा कर्णदेव द्वारा बनवाया गया था। यह महल किले के अन्य हिस्सों की तरह ही भव्य है और यहाँ से पूरे शहर का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है।
विक्रम महल (Vikram Mahal)
यह महल राजा विक्रमादित्य का निवास स्थान था, जो राजा मान सिंह तोमर के वंशज थे। इसमें पहले एक सुंदर शिव मंदिर था, जिसे मुगलों ने ध्वस्त कर दिया था।
किले की दीवारों पर जैन मूर्तियाँ
ग्वालियर किले के बाहरी हिस्सों की चट्टानों को काटकर विशाल जैन तीर्थंकरों की मूर्तियाँ बनाई गई हैं। ये मूर्तियाँ 57 फीट तक ऊँची हैं और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए यह स्थल पवित्र माना जाता है।
किले के भीतर इन सभी स्थानों की यात्रा करके, आप ग्वालियर के समृद्ध इतिहास, संस्कृति, और वास्तुकला की गहरी समझ प्राप्त कर सकते हैं।
ग्वालियर का किला केवल एक ऐतिहासिक स्मारक नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, स्थापत्य कला और वीरता का प्रतीक भी है। यह किला कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है और आज भी अपनी भव्यता के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है। यदि आप भारत के ऐतिहासिक किलों में रुचि रखते हैं, तो ग्वालियर का किला अवश्य देखना चाहिए।
इसे भी पढे :- The Tajmahal | ताजमहल
इसे भी पढे :- Golden Temple In Amritsar | अमृतसर का स्वर्ण मंदिर