मध्य प्रदेश (MP) मे घूमने के लिए जगह | Tourist Place In MP
मध्य प्रदेश (MP), जिसे “भारत का दिल” भी कहा जाता है, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों से भरपूर है।
यहां विभिन्न प्रकार की दर्शनीय स्थल हैं जो पर्यटकों को अद्भुत अनुभव प्रदान करती हैं।
यहाँ पर मध्य प्रदेश में घूमने के प्रमुख स्थलों का विस्तृत विवरण दिया गया है |
खजुराहो मंदिर | Khajuraho Temple
- खजुराहो, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित, अपने भव्य और प्राचीन मंदिरों के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
- यह स्थल चंदेल वंश के दौरान 950 से 1050 ईस्वी के बीच निर्मित किया गया था।
- यहाँ के मंदिरों की विशेषता उनकी अद्वितीय और सूक्ष्म कामकला है, जिसमें देवताओं, अप्सराओं और जीवन के विभिन्न पहलुओं को चित्रित किया गया है।
- यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त यह स्थान, अपनी उत्कृष्ट स्थापत्य कला और तल्लीनता से भरे हुए मूर्तियों के लिए मशहूर है।
- यहाँ का सबसे प्रमुख मंदिर कंदारिया महादेव है, जो अपनी भव्यता और मूर्तिकला के लिए जाना जाता है।
- खजुराहो अपने प्राचीन और भव्य मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, जो अपनी अद्वितीय मूर्तिकला और स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है।
- यहाँ पर कंदारिया महादेव मंदिर, लक्ष्मण मंदिर और विश्वनाथ मंदिर जैसे प्रमुख मंदिर हैं।
- यहाँ के मंदिरों की मूर्तियों में उत्कृष्ट कामकला और जटिल नक्काशी देखने को मिलती है।
- खजुराहो, मध्य प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जिसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त है।
- यहाँ विभिन्न अद्वितीय और ऐतिहासिक मंदिर स्थित हैं, जो अपनी भव्यता और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं।
खजुराहो के प्रमुख पर्यटन स्थल
पश्चिमी समूह के मंदिर
पश्चिमी समूह के मंदिर खजुराहो के सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख मंदिर हैं, जो अपनी उत्कृष्ट मूर्तिकला और स्थापत्य कला के लिए जाने जाते हैं।
- कंदारिया महादेव मंदिर :- यह सबसे बड़ा और भव्य मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इसकी मूर्तियाँ और शिल्पकला बेहद जटिल और आकर्षक हैं।
- लक्ष्मण मंदिर :- यह विष्णु भगवान को समर्पित है और इसमें देवी-देवताओं की मूर्तियों के साथ-साथ सुंदर नक्काशी भी देखने को मिलती है।
- चौंसठ योगिनी मंदिर :- यह मंदिर चौंसठ योगिनियों को समर्पित है और यह खजुराहो का सबसे प्राचीन मंदिर है।
पूर्वी समूह के मंदिर
पूर्वी समूह के मंदिरों में जैन और हिंदू मंदिर शामिल हैं, जो अपनी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं।
- पार्श्वनाथ मंदिर :- यह जैन धर्म के तीर्थंकर पार्श्वनाथ को समर्पित है और इसे अपनी उत्कृष्ट नक्काशी के लिए जाना जाता है।
- जावरी मंदिर :- यह विष्णु भगवान को समर्पित है और इसकी स्थापत्य कला बहुत सुंदर है।
- वामन मंदिर :- यह भगवान वामन को समर्पित है, जो विष्णु के अवतार हैं, और इसमें बहुत सुंदर नक्काशी देखने को मिलती है।
दक्षिणी समूह के मंदिर
दक्षिणी समूह के मंदिरों में प्रमुख हिंदू मंदिर हैं, जो थोड़ी दूर पर स्थित हैं लेकिन अपनी अद्वितीयता के लिए मशहूर हैं।
- दूल्हादेव मंदिर :- यह भगवान शिव को समर्पित है और यहाँ की मूर्तियाँ विशेष रूप से आकर्षक हैं।
- बीजामंडल मंदिर :- यह मंदिर निर्माणाधीन था और इसके अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं, जो इसकी भव्यता को दर्शाते हैं।
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पन्ना नेशनल पार्क | Panna National Park MP
- पन्ना नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिलों में स्थित एक प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य है।
- पन्ना नेशनल पार्क की स्थापना 1981 में की गई थी।
- यह पार्क पहले पन्ना वन्यजीव अभ्यारण्य के रूप में जाना जाता था, जिसे बाद में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्राप्त हुआ।
- यह पार्क अपने समृद्ध जैव विविधता, बाघ पुनर्वास कार्यक्रम, और खूबसूरत परिदृश्यों के लिए जाना जाता है।
- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के आकर्षण और उसकी विशेषताओं को विस्तार से जानते हैं |
- खजुराहो से करीब 20 किमी दूर स्थित पन्ना नेशनल पार्क वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल है।
- यहाँ बाघ, तेंदुआ, चीतल और अन्य वन्यजीव देखे जा सकते हैं। यहाँ के जंगल सफारी का अनुभव अद्वितीय होता है।
- पन्ना नेशनल पार्क में पर्यटकों के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधाएं हैं जैसे कि विभिन्न सफारी, जंगल सफारी, ट्रेकिंग यात्रा, और जंगली जीवन का अनुभव करने के लिए मार्ग।
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पांडव झरना | Pandav Falls
- मध्य प्रदेश के रीवा जिले में स्थित पांडव झरना ( Pandav Falls ) एक प्रसिद्ध प्राकृतिक स्थल है जो अपने खूबसूरत झरने और ऐतिहासिक महत्व के कारण पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है।
- यह झरना न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए बल्कि पांडवों के साथ जुड़े पौराणिक कथाओं के लिए भी जाना जाता है।
- यह खूबसूरत झरना खजुराहो से करीब 30 किमी दूर स्थित है।
- यह झरना प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है और पिकनिक के लिए एक आदर्श स्थल है। यहाँ की शांति और हरियाली मन को मोह लेती है।
- पांडव झरना मध्य प्रदेश के रीवा जिले के पास स्थित है। यह रीवा शहर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर है।
- पांडव झरना लगभग 30 मीटर की ऊँचाई से गिरता है। यह एक प्राकृतिक जलप्रपात है जो घने जंगल और चट्टानों से घिरा हुआ है।
- इस झरने का जल स्रोत पास के जंगलों और पहाड़ियों से आता है, जो वर्ष भर प्रवाहित रहता है और झरने को जीवंत बनाए रखता है।
- झरने के आसपास का क्षेत्र हरे-भरे जंगलों और प्राकृतिक वनस्पतियों से ढका हुआ है, जो इसे एक अद्वितीय और शांतिपूर्ण स्थल बनाते हैं।
- पांडव झरना का नाम महाभारत के पांडवों के नाम पर रखा गया है। यह माना जाता है कि अपने वनवास के दौरान पांडव इस क्षेत्र में आए थे और कुछ समय यहाँ बिताया था।
- झरने के पास कई गुफाएँ भी हैं, जिन्हें पांडवों की गुफाओं के नाम से जाना जाता है। यह माना जाता है कि पांडव इन गुफाओं में निवास करते थे।
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बाम्बू फॉरेस्ट | Bamboo Forest
- यह स्थान पर्यावरण प्रेमियों के लिए आदर्श है, जहाँ बांस के वृक्षों का घना जंगल है। यहाँ ट्रेकिंग और जंगल सफारी का आनंद लिया जा सकता है।
- बाँस के जंगल (Bamboo Forest) मध्य प्रदेश में एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संपदा और पर्यावरणीय धरोहर के रूप में जाने जाते हैं।
- ये जंगल न केवल पारिस्थितिकी के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनका आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। आइए, मध्य प्रदेश के बाँस के जंगलों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं।
- मध्य प्रदेश में बाँस के जंगल मुख्य रूप से सतपुड़ा और विंध्याचल पर्वतमाला के क्षेत्रों में पाए जाते हैं। राज्य के वन क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा बाँस के जंगलों से घिरा हुआ है।
- बाँस के जंगल सबसे अधिक कान्हा नेशनल पार्क, बांधवगढ़ नेशनल पार्क, पन्ना टाइगर रिजर्व, सतपुड़ा नेशनल पार्क, और पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व जैसे क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
- मध्य प्रदेश के जंगलों में बाँस की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें प्रमुख हैं Dendrocalamus strictus और Bambusa arundinacea।
- ये प्रजातियाँ औद्योगिक और कारीगर उपयोग के लिए अत्यधिक उपयुक्त हैं।
- बाँस बहुत तेजी से बढ़ने वाला पौधा है और यह अपने पर्यावरणीय लाभों के लिए जाना जाता है।
- यह मिट्टी के कटाव को रोकने और जैव विविधता को बनाए रखने में सहायक है।
- बाँस की जड़ें मिट्टी को मजबूती से पकड़ती हैं और इससे मिट्टी का कटाव रुकता है, जिससे पर्यावरणीय संतुलन बना रहता है।
- बाँस वनों का एक बड़ा हिस्सा कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने की क्षमता रखता है, जो जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- बाँस के जंगल जल स्रोतों को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये जंगल पानी को जमीन में संचय करते हैं और जलस्रोतों को बनाए रखते हैं।
- बाँस का उपयोग विभिन्न प्रकार के औद्योगिक और हस्तशिल्प उत्पादों के निर्माण में किया जाता है।
- यह फर्नीचर, कागज, कृषि उपकरण, बांसुरी, और अन्य हस्तशिल्प वस्तुओं के निर्माण में उपयोगी होता है।
- मध्य प्रदेश के बाँस के जंगल न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि वे स्थानीय समुदायों के लिए आजीविका का स्रोत भी हैं।
- इन जंगलों का संरक्षण और सतत उपयोग हमारे भविष्य के लिए आवश्यक है।
राजगढ़ महल | Rajgarh Mahal
- यह ऐतिहासिक महल खजुराहो से थोड़ी दूर स्थित है और अपनी स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ से खजुराहो के मंदिरों का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है।
- राजगढ़ महल, जो मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में स्थित है, एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है।
- यह महल राजपूत और मराठा स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है और इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाता है।
- राजगढ़ महल का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था। इस महल का निर्माण राजपूत शासकों द्वारा किया गया था और इसका उद्देश्य शाही परिवार के निवास के साथ-साथ प्रशासनिक कार्यों को संचालित करना था।
- राजगढ़ का नाम राजपूत शासकों के नाम पर रखा गया है, जो इस क्षेत्र के प्रमुख शासक थे। वे यहाँ अपने शासनकाल के दौरान रहते थे और यह महल उनकी शक्ति और प्रतिष्ठा का प्रतीक था।
- महल की स्थापत्य कला में राजपूत शैली का प्रमुख प्रभाव देखा जा सकता है। यह शैली बड़ी और भव्य संरचनाओं, जटिल नक्काशी, और राजसी आभा के लिए जानी जाती है।
- महल का मुख्य द्वार बहुत ही भव्य और आकर्षक है, जो राजपूत शैली का उत्तम उदाहरण है। इस द्वार पर सुंदर नक्काशी और पारंपरिक डिज़ाइन बनाए गए हैं।
- महल की दीवारें बहुत ही मोटी और मजबूत हैं, जो इसे आक्रमणों से बचाने के लिए बनाई गई थीं। स्तंभों पर जटिल नक्काशी और चित्रकारी की गई है, जो इसे बहुत ही आकर्षक बनाती है।
- महल के चारों ओर सुंदर बगीचे और आंगन बनाए गए हैं, जहाँ विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे और फूल लगाए गए हैं। ये बगीचे महल की सुंदरता को और बढ़ाते हैं।
- महल के भीतर कई राजसी कक्ष हैं, जिनका उपयोग शाही परिवार के रहने और विश्राम के लिए किया जाता था। इन कक्षों में पारंपरिक सजावट और फर्नीचर का उपयोग किया गया है।
- राजगढ़ महल को मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। यह महल न केवल स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि यह क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतीक भी है।
- यह महल अब एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है और यहाँ हर साल देश-विदेश से हजारों पर्यटक आते हैं। महल का शांतिपूर्ण वातावरण और ऐतिहासिक महत्व इसे पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल बनाता है।
- राजगढ़ महल मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह महल न केवल अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और इतिहास को भी दर्शाता है।
- यह स्थान पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के लिए एक अद्भुत स्थल है, जहाँ वे इतिहास और संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं।
जलमहल | Jal Mahal
- यह सुंदर जलमहल एक प्रमुख आकर्षण है और यहाँ नौका विहार का आनंद लिया जा सकता है। यहाँ का वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है।
- मध्य प्रदेश का जलमहल एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है, जो भोपाल शहर में स्थित है।
- यह महल अपनी अद्वितीय वास्तुकला, समृद्ध इतिहास, और खूबसूरत झील के बीच स्थित होने के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है।
- जलमहल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित है। यह शहर के केंद्र में स्थित बड़ा तालाब के बीच में स्थित है।
- इस महल का निर्माण 18वीं शताब्दी में भोपाल के नवाबों द्वारा कराया गया था।
- जलमहल का उपयोग गर्मी के मौसम में निवास और मनोरंजन के लिए किया जाता था। यह नवाबों का गर्मियों का महल था, जहाँ वे अपनी छुट्टियाँ बिताने आते थे।
- महल के अंदर एक सुंदर बगीचा और फव्वारे हैं, जो इसकी सुंदरता को और बढ़ाते हैं। यहाँ पर बैठने के लिए कई आरामदायक स्थान भी हैं।
- महल की पाँच मंजिलें हैं, जिनमें से चार मंजिलें पानी के नीचे होती हैं। केवल ऊपरी मंजिल जल स्तर के ऊपर दिखाई देती है।
- महल के चारों ओर की झील और हरी-भरी पहाड़ियाँ इसे एक शानदार दृश्य प्रदान करती हैं। सूर्यास्त के समय का दृश्य विशेष रूप से आकर्षक होता है।
- महल के पास कुछ धार्मिक स्थल भी हैं, जहाँ स्थानीय लोग पूजा-अर्चना करने आते हैं। यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
ग्वालियर का किला | Gwalior Fort
- ग्वालियर किला (Gwalior Fort) मध्य प्रदेश राज्य के ग्वालियर शहर में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जिसे भारतीय इतिहास और संस्कृति का महत्वपूर्ण संदर्भ माना जाता है।
- ग्वालियर किला, मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में स्थित है और यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक है।
- इसे “ग्वालियर किला” या “ग्वालियर का किला” के रूप में भी जाना जाता है। यह इतिहास, संस्कृति, और वास्तुकला के प्रतीक के रूप में महत्वपूर्ण है।
- ग्वालियर किला ग्वालियर शहर के किले रोड क्षेत्र में स्थित है। यह मध्य प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित है।
- ग्वालियर किला का निर्माण विशेषकर 8वीं शताब्दी में राजा मान सिंह द्वारा किया गया था।
- यह किला समय-समय पर महासम्राट विक्रमादित्य, तुगलक वंश, मुघल साम्राज्य, मराठा साम्राज्य, और ब्रिटिश शासन के अधीन रहा है।
- ग्वालियर किला वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें हिंदू, इस्लामी, और यूरोपीय शैलियों का मिश्रण दिखाई देता है।
- यहाँ पर कई मंदिर, मस्जिद, और पूर्वकालीन गुम्बद हैं जो किले की सुंदरता में योगदान करते हैं।
- ग्वालियर किला ने विभिन्न राजा और महाराजाओं के लिए अपने राजसी स्तर के लिए प्रसिद्ध होने का दर्जा प्राप्त किया है। यहाँ पर राजगद्दी परिवारों के निवास भी रहे हैं।
- ग्वालियर किला एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और यहाँ पर्यटक अपने इतिहास, संस्कृति, और वास्तुकला का आनंद लेते हैं।
- किले के समीप ही मनसिंह पालेस भी है जो राजपूताना वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
- ग्वालियर किला को अब राष्ट्रीय अध्यात्मिक परिसर के रूप में मान्यता प्राप्त है और इसे भारतीय प्राचीन स्मारकों के रूप में संरक्षित किया जाता है।
- ग्वालियर किला अपनी अद्वितीय स्थापत्य कला और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।
- यहाँ पर कई महल, मंदिर और जलाशय हैं।
- यहाँ स्थित गुजरी महल और सास बहू के मंदिर खासतौर पर देखे जाने लायक हैं।
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पन्ना नेशनल पार्क मध्य प्रदेश | Panna National Park MP
झारखंड राज्य के रांची जिले में स्थित जगन्नाथ मंदिर | Jagannath Temple Ranchi
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग | Mahakaleshwar Temple
- उज्जैन एक प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है।
- यहां महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है, जो हिन्दू धर्म में अत्यधिक प्रमुख माना जाता है।
- इसके अलावा, मंदिर की स्थापना कालादि काल में हुई थी और यहां हर दिन बहुत से पुजारियों ने पूजा की जाती है।
- उज्जैन में हर 12 वर्ष में कुंभ मेला का आयोजन होता है, जिसे भारतीय और विदेशी पर्यटक देखने के लिए आते हैं।
- यह मेला महाकालेश्वर मंदिर के चारों द्वारों में होता है और धार्मिक और सामाजिक उत्सव का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- मध्य प्रदेश राज्य में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर में महत्वपूर्ण स्थान है।
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग हिन्दू धर्म में एक प्रमुख तीर्थ स्थल हैं। यहां के मंदिर में शिवजी के महाकालेश्वर रूप में विशेष पूजा की जाती है।
- महाकालेश्वर मंदिर की स्थापना कालादि काल में हुई थी, और इसका उल्लेख महाभारत के कई ऐतिहासिक युद्ध कथाओं में भी मिलता है।
- यहां रोजाना और विशेष अवसरों पर शिव भक्तों द्वारा विशेष पूजा और आराधना की जाती है। ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए यहां पर्यटक बहुत आते हैं।
- उज्जैन एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए प्रसिद्ध है।
- यहाँ महाकालेश्वर मंदिर के अलावा कालीदेह महल, संदीपनी आश्रम और हरसिद्धि मंदिर जैसे अन्य धार्मिक स्थल भी हैं।
अमरकंटक | Amarkantak
अमरकंटक ( Amarkantak ) मध्य प्रदेश राज्य के पश्चिमी हिमालय के नाम से भी जाना जाता है, यह एक प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थल है और धार्मिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है।
अमरकंटक एक ऐतिहासिक और प्राकृतिक संस्कृति का संगम है, जो तीर्थ यात्री, ध्यानी, और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य है।
यहां की प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व इसे एक अनोखा स्थल बनाते हैं।
इस स्थान पर धार्मिक सन्तों और योगियों के लिए एक ध्यान केंद्र है।
यह अमरकंटक के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, जो एक छोटी झरना के रूप में प्रसिद्ध है।
यहां पर नर्मदा नदी का संगम होता है और यह स्थल धार्मिक महत्व का संकेत है।
अमरकंटक नर्मदा नदी के उद्गम स्थल के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का नर्मदा कुंड और कपिलधारा प्रमुख धार्मिक स्थल हैं।
यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
अमरकंटक तक पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन बिलासपुर और रोड़ के जरिए अमरकंटक तक पहुँचा जा सकता है।
बिलासपुर से अमरकंटक के लिए सीधी बस सेवा उपलब्ध है और रोड़ पर खुद की गाड़ी यातायात के लिए भी उपयुक्त हो सकती है।
|| धन्यबाद ||
झारखंड राज्य के रांची जिले में स्थित जगन्नाथ मंदिर | Jagannath Temple Ranchi